Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2017

SOCH

 :आप को हमारा ब्लॉग  कैसा लगा हमें ज़रूर बताए ,मिलते है अगले ब्लॉग के साथ नमस्कार ।।   :We will glad with your valuable Suggestions and reviews, thank you !

NISHAN ~ निशान

 :आप को हमारा ब्लॉग  कैसा लगा हमें ज़रूर बताए ,मिलते है अगले ब्लॉग के साथ नमस्कार ।।   :We will glad with your valuable Suggestions and reviews, thank you !

SHAYAD ~ शायद

मुझे याद है वो दिन जब में स्कूल जाया करता था, गलियाँ भरी रहती थी फिर भी एक सुकून का एहसास होता था, आज गलियाँ भरी है फिर भी वो सकून नही।।।    *शायद दुनिया बदल रही है* मुझको याद है वो स्कूल  के दिन जब सब मिल कर एक ही टिफिन में खाना खाया करते थे आज वो लोग फ़ोन तक ही रहे गये है।।।     *शायद रिश्ते बदल रहे*    मुझको याद है वो दिन जब में बच्चा था हर छोटी बड़ी चीज सही हुआ करती थी ना कोई धर्म न कोई भाषा न कोई भेद भाव।।।     *शायद वक़्त बदल रहा है* मुझे याद है वो दिन जब मेरी जरूरते यु ही पूरी हो जाया करती थी, आज अधूरी है पर में समझता हूं कि ऐसा क्यू है।।।       *शायद में भी बदल रहा हूँ* :आप को हमारा ब्लॉग  कैसा लगा हमें ज़रूर बताए ,मिलते है अगले ब्लॉग के साथ नमस्कार ।।   :We will glad with your valuable Suggestions and reviews, thank you ! -Az👤                              【Avoice63】°©                  

KUCH MAUSAMI SA !

कुछ मौसमी-सा ।। Hello ,  दोस्तों  ये मौसम भी कमाल है, कभी ध्यान दिया है कि कैसे ये बदलता है ? और, कैसे बदलते है समाज व रिश्ते  ? चलिए समझने की कोशिश करते है । वैसे मौसम कि बातें ज्यादातर मौसम विभाग या फिर प्यार में डूबे लोग के मुंह से ही अच्छा लगता है जिस पर सोचने के लिए शायद उन्होंने कॉपीराइट्स भी लिया होता है । वैसे देखे तो मौसम और समाज में काफी जुड़ाव देखने को मिलता है , किसी समाज का स्वभाव कैसा होगा,ये वहाँ के मौसम से भी पता चल सकता है , ठीक वैसे ही जैसे काफी दिन की गर्मी गुस्साए लोगों को बारिश का मौसम ख़ुशनुमा सा कर देता है , और लोगों के स्वभाव बदल कर रख देती है ।    सिर्फ बारिश को ले तो इसका असर सभी  लोगों पर देखने को मिलता है ,कुछ के लिए बारिश मस्ती के जैसा ,कुछ के लिए पहले प्यार जैसा तो किसी के लिए बहार और कुछ के लिए एक लंबे इन्तजार के जैसा। यही नही और बाकि मौसमो का भी कुछ यही हाल है ।        किसी ने कहा था कि '' सर्दियों सेठो की होती है , तो गर्मियां गरीबो की '' कैसे? समझता हूं रुकिए ! सर्दियां थोड़ी बेरहम सी मालूम पढ़ती है ,  गरीबों का कोई औका

KALPANA KA SAFAR !

कल्पना का सफ़र  HELLO दोस्तों, इंसान के पास एक अदभुत शक्ति है वो है ''कल्पना'' ,उनकी क्षमता का आधार,जिसके ऊपर उसके सभी सपने और अरमान टिके होते है । और एक ही चीज को कई तरह से देखने का नज़रिया भी कल्पना शक्ति से मिलता है ।   बस का सफ़र भी उसी अलग कल्पना का हिस्सा है , जिसे बस की भीड़ भाड़ में आपने शायद अनदेखा कर दिया हो , या आपके हैडफ़ोन ने आपकी कल्पना की आवाज को आप तक पहुचने ही नही दिया शायद ? ये भी हो सकता है बस में लड़ाई ,ट्रैफिक,गर्मी , सीट न मिलने की वजह से आपकी कल्पना आपके माथे से नीचे आने की कोशिश नही करती , और भी बहुत से कारण हो सकते है ।   आगे चलते है बता कल्पना की हो रही थी, तो बस का सफ़र की तुलना अपनी जिंदगी से अपने कल्पना में कि जा सकती है   और आपको पता चलेगा कि उस सफर में और आपकी जिंदगी में कोई खास फर्क नही है । हर बस स्टॉप से कोई न कोई चढ़ता है और उतरता भी बिलकुल वैसे जैसे किसी का जन्म लेना और मरना , उसके बाद वो टिकेट के रूप में अपना भविष्य खरीदता है ''क्या करे इंसान है !'' जैसे टिकेट में एक जगह तय होती है वैसी ही आपका भविष्य भी तय होता

NAJARIYA !

 :आप को हमारा ब्लॉग  कैसा लगा हमें ज़रूर बताए ,मिलते है अगले ब्लॉग के साथ नमस्कार ।।   :We will glad with your valuable Suggestions and reviews, thank you !

#PRIME

 :आप को हमारा ब्लॉग  कैसा लगा हमें ज़रूर बताए ,मिलते है अगले ब्लॉग के साथ नमस्कार ।।   :We will glad with your valuable Suggestions and reviews, thank you !

HAI HOUSLA !

               जो कर सके,है दम वही                                 कदम वही जो, बढ़ सके                                जो लड़ सके, वो ''हौसला''                                  मिटा सके जो ,फासला                                जो मैं नही तो ''हम सही''                               बदल दे जो ये कारंवा ।।                            :आप को हमारा ब्लॉग  कैसा लगा हमें ज़रूर बताए ,मिलते है अगले ब्लॉग के साथ नमस्कार ।।   :We will glad with your valuable Suggestions and reviews, thank you ! -Az👤 【Avoice63】°©