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Showing posts from July, 2017

शहर हमारा बेरोज़गार है साहब ।

शहर हमारा बेरोज़गार है साहब ।।     पहली बार अपने शहर में अकेला निकाला था कही घूमने,उम्र ज्यादा नही वही 13-14 साल रही होगी। पहली बार थोड़ा आज़ादी और साथ ही डर भी महसूस हुआ जो मम्मी पापा के साथ होने पर नही हुआ करता था , पर अच्छा लगा कई जगहों पर घूमा , और फिर दोपहर को घर वापस आने लगा कि सड़क पार करते समय एक आदमी ने मेरा हाथ पक्कड़ लिया, "उसने कहा इतनी क्या जल्दी है रेड लाइट हो जाने दो, फिर जाना"(उसे देख कर लगता था जैसे जिंदगी में उसने सब्र करना अच्छे से सीखा है)थोड़ी देर के लिए मैं घबरा गया(लड़का हुआ तो क्या हुआ) लेकिन फ़िर उसने रेड लाइट होते ही मुझे दूसरी तरफ छोड़ कर आगे चल दिया ,रात को मैं उस आदमी के बार में सोचता हुआ सो गया । अगले दिन सुबह रोज कि तरह घर के पास वाले पार्क में खेलने जाया करता था ,पार्क के गेट को तो लोगों ने कूड़ाघर समझ रखा था, हर कोई वही कूड़ा फेंकता था , पर मैंने देखा की आज कोई वहाँ एक छोटी सी जग़ह में सफाई कर रहा था मैं थोड़ा जल्दी में था तो ध्यान नही दिया और पार्क के अंदर चला गया । खेल खेल कर थक जाने के बाद घर वापस आने लगा तो देखा पार्क के गेट के पास एक मो

क्या आप ,हज़रत निजामुद्दीन औलिया की जूती की कहानी जानते है।

हज़रत निजामुद्दीन की जूती   Hello , दोस्तों । इस ब्लॉग के जरिये से में एक बेहद रोचक कहानी बताने जा रहा हूँ ।कहानी गुरु और शिष्य की है कुछ वैसी जैसीे महाभारत में गुरु द्रोण और शिष्य एकलव्य की थी ।      ये कहानी है , एक मशहूर सूफी संत (चौथे चिस्ती संत) जिन्हें खलीफा का दर्जा प्राप्त हो चूका था वो थे " हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया"(1236-1325) और उनके प्रिय शिष्य "अमीर खुसरो" की (1253-1325)जिनका सम्बन्ध राजघराने के साथ हुआ करता था और 8 राजों को अपनी सेवाएं पहले दे चुके थे । पर किसी वजह से अपनी नौकरी त्याग दी और वैराग और संतों की तरह जिंदगी जीने की सोची , और अपने परिवार और खूब सारे सामान(धन) और ऊँटो के साथ हज़रत निजामुद्दीन के आश्रम के लिए निकल पड़े ।        तो कहानी कुछ इस तरह हुई की हज़रत निजामुद्दीन लोगों को वैराग और सहनशीलता की शिक्षा दिया करते थे अपने आश्रम (कुटियां) में ,तो एक आदमी अपनी एक परेशानी ले कर हज़रत साहब के पास आया और उसने बोला की मेरी बेटी की शादी करवानी है और वह बहुत गरीब है और पैसों की सख्त जरूर है ,नही तो मेरी बेटी की शादी नही हो पाएगी।