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EK WO BHI KOI


    

       

              एक मौसम वो भी था, जो
             गरजता भी उसी के लिया था, 
            और बरसता भी उसी के लिए ।।
             एक शायरी ऐसी भी थी, जो
              दिल से आती थी उनके लिए
              यादों में रहती थी उनके लिए ।।
एक लमहा वो भी था ,जो
साथ उनके गुजरता था
और खुशियों- सा ठहरता ।।
एक बात वो भी थी, जिसकी
हर बात में आपका एहसास था
जिसमे छुपा-सा कोई सांज था ।।
                    एक याद भी ऐसी थी, जो
                     बनी थी आपके आगाज़ से
                और खत्म होगी आपके जाने पर।।
                  एक दोस्ती वो भी थी, जिसने
                      सिखाया जीने तरीका
                   कैसे जिए मारने के बाद भी।। 
एक प्यार वो भी था,जो
जो दिल ही दिल में रहता था
बस कहने से डरता था ।।
एक कहानी वो भी थी, जो
शुरू उसी से होती थी 
और खत्म भी उसी पर होगी ।।

 :आप को हमारा ब्लॉग कैसा लगा हमें ज़रूर बताए ,मिलते है अगले ब्लॉग के साथ नमस्कार ।।
 :We will glad with your valuable Suggestions and reviews, thank you !

-Az👤
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